Wazu ki dua | वुजू की दुआ
Wazu ki dua In Hindi | वुजू की दुआ – जब वुजू करना शुरु करें तो पहले ( बिस्मिल्लाहिर रहमानिररहीम ) कहें: अल्लाह ही के नाम से शुरू (करता हूं) जो निहायत रहम फरमाने वाला है बहुत मेहरबान है :
बाज़ हदीसों में आया है के इस का वुजु नहीं जिस ने बिस्मिल्लाह ना पढ़ी हो ___________(मिस्कात)
वुजू के दरमियान ये दुआ पढ़े
” अल्लाहुम-मग्फि ली जंबी व वस्सि-अ ली फी दारी व बारिक ली फी रिज़्की० “
للهُمَّ اغْفِرْ لِي ذَنْبِي وَوَسِعُ لِي فِي دَارِي وبارك فى فى رزائی (حسن ، نسائی )
“Allahumma-ghfir li dhanbi wa wassi’ li fi dari wa barik li fi rizqi.”
तर्जुमा – ऐ अल्लाह ! मेरे गुनाह बख़्श दे और मेरे (कब्र के) घर को फैला और मेरी रोजी में बरकत दे।
![Wazu ki dua In Hindi | वुजू की दुआ](https://greatislam.in/wp-content/uploads/2024/09/Wazu-ki-dua-In-Hindi-वुजू-की-दुआ -.jpg)
Wazu ki dua In Hindi
” अल्लाहुम-मग्फि ली जंबी व वस्सि-अ ली फी दारी व बारिक ली फी रिज़्की० “
तर्जुमा – ऐ अल्लाह ! मेरे गुनाह बख़्श दे और मेरे (कब्र के) घर को फैला और मेरी रोजी में बरकत दे।
Wazu ki dua In Arabic
للهُمَّ اغْفِرْ لِي ذَنْبِي وَوَسِعُ لِي فِي دَارِي وبارك فى فى رزائی (حسن ، نسائی )
Wazu ki dua In English
“Allahumma-ghfir li dhanbi wa wassi’ li fi dari wa barik li fi rizqi.”
आप यहाँ वुज़ू के मसाइल भी पढ़ सकते हैं
फायज़े वुजूः
वुजू में चार बातें फ़र्ज़ हैं।
1. मुंह का धोया जाना यानी माथे की जड़ जहां से बाल जमते हैं वहां से लेकर ठोढ़ी तक, और एक कान से दूसरे कान तक मुंह की खाल के हर हिस्से पर एक बार पानी बहाना। (न कि चुपड़ लेना जैसा कि आम तौर से लोग करते हैं)
2. कुहनियों समेत दोनों हाथ एक बार धुलना ।
3. चौथाई सर का मसह यानी चौथाई सर पर भीगे हाथ का फेरना या किसी सूरत से कम से कम इतनी जगह का तर हो जाना।
4. दोनों पांव का गट्टों समेत एक बार धुलना। यह चार बातें वुजू में फ़र्ज़ हैं और इनके सिवा जो कुछ तरीकए वुजू में ब्यान की गयीं वह सब या सुन्नत या मुस्तहब हैं और वुजू की सुन्नतें और मुस्तहब्बात बहुत हैं जो उन सब को जानना चाहे वह बहारे शरीअत और फ्तावा रज़विया वगैरह देखे।
मसला : किसी हिस्से के धुल जाने का यह मतलब है कि उसके हर हिस्से पर कम से कम दो बूंद पानी बह जाये। भीग जाने या तेल की तरह पानी चुपड़ लेने से या एक आध बूंद पानी बह जाने से धोना नहीं होता इस तरह धोने से वुजू या गुस्ल नहीं होता।
मसला : होंठ, नाखून, आंख के ऊपर नीचे की खाल, बाल, पलक, बैरूनी जेवरों के नीचे की खाल हत्ता कि कील, नथ का सुराख, दाढ़ी मूंछ के बालों के नीचे की खाल की कोई जगह या इन चारों हिस्सों की कोई जगह बाल की नोक बराबर भी अगर धुलने से रह गई तो वुजू न होगा।
मसला : वुजू न हो तो नमाज़ और सज्दा तिलावत और कुरआन शरीफ छूने के लिये वुजू फ़र्ज़ है और तवाफ़ के लिये वाजिब है।
वुजू के मकरूहातः
यानी वह बातें जो वुजू में न होनी चाहियें।
१. औरत के गुस्ल या वुजू के बचे पानी से वुजू करना।
२. नजिस जगह वुजू का पानी गिराना।
३. मस्जिद के अंदर वुजू करना।
४. वुजू के पानी के कतरे वुजू के बर्तन में टपकना।
५. किब्ला की तरफ कुल्ली का पानी या नाक या खखार या थूक डालना।
६. बे ज़रूरत दुनिया की बातें करना।
७. ज़्यादा पानी खर्च करना।
८. इतना कम पानी खर्च करना कि सुन्नतें अदा न हों।
६. एक हाथ से मुंह धोना।
१०. मुंह पर पानी मारना।
११. वुजू के क्तरों को कपड़े या मस्जिद में टपकने देना।
१२. वुजू की किसी सुन्नत को छोड़ देना।
नवाकिज़े वुजू यानी वुजू तोड़ने वाली चीज़ेंः
पाखाना, पेशाब, पीछे से हवा का निकलना, कीड़ा और पथरी का आगे या पीछे के मुकाम से निकलना, वदी (वह सफेद रतूबत जो पेशाब के साथ निकलती है) और मज़ी (वह रतूबत जो शहवत की हालत में इंजाल से पहले निकलती है) और मनी का निकलना खून और पीप और ज़र्द पानी का निकल कर बहना, खाने या पीना या पित्त या जमे खून की मुंह भर कै, जुनून, गशी, बेहोशी, इतना नशा कि चलने में पांव लड़खड़ाये, अलावा नमाज़े जनाजा के किसी नमाज़ में कहकहा, नींद मुबाशरते फाहशा (यानी मर्द अपने आला को तुंदी की हालत में औरत की शर्मगाह या किसी मर्द की शर्मगाह से मिलाये या औरत औरत आपस में मिलायें और कपड़ा वगैरह’ बीच में न हो) इन सब चीज़ों से वुजू टूट जाता है।
मसला : दुखती हुई आंख से जो पानी या कीचड़ बहता है उससे वुजू टूट जाता है और वह नजिस भी है जिस जगह लग जायें उसका पाक करना ज़रूरी है।
मसला : नमाज़ में इतनी आवाज़ से हंसना कि खुद उसने सुना पास वालों ने न सुना तो वुजू न टूटा अलबत्ता नमाज़ टूट गई।
मसला : अगर मुस्कुराया यानी दांत निकले और आवाज़ बिल्कुल न निकली तो इससे न वुजू जाये न नमाज़।
मसला : जो रुतूबत आदमी के बदन से निकले और वुजू न तोड़े वह नजिस नहीं जैसे वह खून जो बहकर न निकले या थोड़ी कै जो मुंह भर न हो वह पाक है।
मसला : राल, नाक, थूक, पसीना, मैल पाक हैं। यह चीजें अगर बदन या कपड़े में लगी हों तो नमाज़ हो जायेगी लेकिन साफ कर लेना अच्छा है।
मसला : जो आंसू रोने में निकलते हैं न उनसे वुजू टूटे न वह नजिस ।
मसला : घुटना या सतर खुलने से, अपना या दूसरे का सतर देखने से या छूने से वुजू नहीं जाता।
मसला : दूध पीते बच्चे ने कै (उल्टी) की अगर वह मुंह भर है तो नजिस है। दिरहम से ज़्यादा जगह में जिस चीज़ को लग जाये नापाक कर देगा लेकिन अगर वह दूध मेअदा से नहीं आया बल्कि सीना तक पहुंचकर पलट आया तो पाक है।
मसला : वुजू के बीच में वुजू टूट गया फिर से वुजू करे हत्ता कि अगर चुल्लू में पानी लिया फिर हवा निकली यह पानी बेकार हो गया उससे कोई हिस्सा न धोये।