< Surah Rahman In Hindi Pdf | सूरह रहमान हिंदी में पढ़ें
Surah Rahman in Hindi Pdf

Surah Rahman in Hindi Pdf | सूरह रहमान हिंदी में पढ़ें

Surah Rahman in Hindi | सूरह अर रहमान मक्की सूरत है इस में 78 आयत और 3 रुकु है  

Surah Rahman | सूरह अर रहमान  के मशमुलात 

*दीगर मक्की सूरतों की तरह Surah Rahman की आयत भीछोटी-छोटी है और उनकी तासीर बहुत कवी हैइसमें अल्लाह ताला की तौहीद और इसकी कुदरत पर दलैल और नबूवत और वही इलाही पर दलैल हैऔर कयामत और इसकी हॉलनकियों का जिक्र है और जन्नत और दोजख का जिक्र है

Surah Rahman हिंदी में पढ़ें तर्जमा के साथ ( नीचे में तफ्सीर भी दी गई है ) 

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम 

अल्लाह ही के नाम से शुरू (करता हूं)जो निहायत रहम फरमाने वाला बहुत मेहरबान है 

1. अर रहमान
1.रहमान ने 

2. अल लमल कुरआन
2. (अपने रसूल मोक्करम को) कुरान की तालीम दी

3. खलक़ल इंसान
3. इंसान (कामिल) को पैदा किया 

4. अल लमहुल बयान
4. और इनको (हर चीज के) बयान की तालीम दी 

5. अश शम्सु वल कमरू बिहुस्बान
5. सूरज और चांद एक हिसाब से चल रहे हैं 

6. वन नज्मु वश शजरू यस्जुदान
6. और जमीन पर फैली हुई बेले और अपने तने पर खड़े हुए दरख़्त सजदा रेज़ है 

7. वस समाअ रफ़ाअहा व वदअल मीज़ान
7. और आसमान को बुलंद बनाया और अदल की तराजू बनाई 

8. अल्ला ततगव फिल मीज़ान
8. ताकि तुम तौलने में बे इंसाफी ना करो 

9. व अक़ीमुल वज्ना बिल किस्ति वला तुख सिरुल मीज़ान
9. और इंसाफ के साथ सही वजन करो और तौल में कमी ना करो 

10. वल अरदा वदअहा लिल अनाम
10. और इसने लोगों के लिए जमीन को नीचे बनाया 

11. फ़ीहा फाकिहतुव वन नख्लु ज़ातुल अक्माम
11. इसमें फल है और कुदरती गिलाफ वाली खजुरे हैं

12. वल हब्बु जुल अस्फि वर रैहान
12. और भूसे वाला गल्ला है और खुशबूदार फूल है 

13. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
13. पस ए जिन और इंस! तुम अपने रब की कौन-कौन सी नेमतों को झूठलाओगे?

14. खलक़ल इन्सान मिन सल सालिन कल फख्खार
14. इसने इंसान को ठेकरे की तरह बजती हुई सूखी मिट्टी से बनाया

15. व खलक़ल जान्ना मिम मारिजिम मिन नार
15. और जिन्न खालिस आग के शोले से पैदा किया 

16. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
16. सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे ?

17. रब्बुल मश रिकैनि व रब्बुल मगरिबैन
17. वही दोनों मशरिकों को और दोनों मगरीबों का रब है 

18. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
18. सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे

19. मरजल बह रैनि यल तकियान
19. इस ने ( खारी और शीरी) दो समुंदर जारी किए जो (एक दूसरे से) मिल जाते हैं 

20. बैनहुमा बरज़खुल ला यब गियान
20. इन दोनों के दरमियान एक आड़ है जिससे वह तजावूज नहीं करते 

21. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
21. सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे

22. यख रुजु मिन्हुमल लुअ लूऊ वल मरजान
22. इन समुंदरों से मोती और मोंगे निकलते हैं 

23. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
23. सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे

24. वलहुल जवारिल मून शआतु फिल बहरि कल अअ’लाम
24. और समुद्र में पहाड़ों की मांनींद ऊंची चलने वाली कश्तियां इसी की मिल्कियत है

25. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
25. सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे

26. कुल्लू मन अलैहा फान
26. जो भी जमीन पर है वह फना होने वाला है 

27. व यब्का वज्हु रब्बिका जुल जलालि वल इकराम
27. और आप के रब की जात बाकी है जो अजमत और बुजुर्गी वाला है

28. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
28. सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

29. यस अलुहू मन फिस समावाति वल अरज़ि कुल्ला यौमिन हुवा फ़ी शअन
29. इसी से सवाल करते हैं जो भी आसमानों और जमीनों में है ’वह हर आन नई शान में है 

30. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
30. सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

31. सनफ रुगु लकुम अय्युहस सक़लान
31. ए जिन्नात और इंसानों के गिरोह!  हम अन करीब तुम्हारी तरफ मतवज्जा होंगे

32. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
32. सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

33. या मअशरल जिन्नि वल इन्सि इनिस त तअतुम अन तन्फुजु मिन अक तारिस सामावती वल अरज़ि फनफुजू ला तन्फुजूना इल्ला बिसुल तान
33. ए जिन्नात और इंसानों के गिरोह! अगर तुम यह ताकत रखते हो के आसमानों और जमीनों के किनारो से निकल जाओ तो तुम निकल जाओ! तुम जहां भी जाओगे वहां इसी की सल्तनत है 

34. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
34. सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

35. युरसलू अलैकुमा शुवाज़ुम मिन नारिव व नुहासून फला तन तसिरान
35.  (ऐ मकजिबो!) तुम पर (रोज़े कयामत) आग का खालिस शोला और धुआ छोड़ा जाएगा फिर तुम इसको दूर न कर सकोगे

36. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
36.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

37. फ़इजन शक़ क़तिस समाउ फकानत वर दतन कद दिहान
37.  फिर जब आसमान फट जाएगा तो वह सुर्ख चमड़े की तरह सुर्ख हो जाएगा 

38. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
38.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

39. फयौम इज़िल ला युस अलु अन ज़मबिही इन्सुव वला जान
39.  सो इस दिन किसी गुनहगार के गुनाह के मोतालिक सवाल नहीं किया जाएगा इंसान से ना जिन्न  से 

40. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
40.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

41. युअ रफुल मुजरिमूना बिसीमाहुम फ़युअ खजु बिन नवासी वल अक़दाम
41.  (इस दिन) मुजरिमिन अपने हुलियों से पहचान लिए जाएंगे और इनको इनकी परेशानियां के बालों और कदमों से पकड़ लिया जाएगा

42. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
42.  पस तुम दोनों अपने रब की कौन-कौन सी नेमतों को झूठलाओगे 

43. हाज़िही जहन्नमुल लती युकज्ज़िबू बिहल मुजरिमून
43.  यह है वह जहन्नम जिसकी मुजरिमिन तक्ज़ीब किया करते थे 

44. यतूफूना बैनहा व बैन हमीमिन आन
44.  वह इस दिन इस (जहन्नम) में और सख्त खौलते हुए पानी में घूम रहे होंगे

45. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
45.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे

46. व लिमन खाफ़ा मक़ामा रब्बिही जन नतान
46.  और जो अपने रब के सामने हाजिर होने से डरता हो इसके लिए दो जन्नते हैं 

47. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
47.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

48. ज़वाता अफ्नान
48.  दो सर सब्ज शाखों वाली दो जन्नते हैं 

49. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
49.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे

50. फीहिमा ऐनानि तजरियान
50.  इन जन्नतों में दो चश्में बह रहे हैं 

51. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
51.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

52. फीहिमा मिन कुल्लि फकिहतिन ज़वजान
52.  इन जन्नतों में हर फल की दो-दो किस्में है 

53. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
53.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

54. मुततकि ईना अला फुरुशिम बताईनुहा मिन इस्तबरक़ वजनल जन्नतैनी दान
54.  (मुत्तकीन) ऐसे बिस्तरों पर तकिये लगाए हुए होंगे जिनके अस्तर नफीस दबीज़ रेशम के होंगे और दोनों जन्नतों के फल झुके हुए होंगे 

55. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
55.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

56. फ़ी हिन्ना कासिरातुत तरफि लम यतमिस हुन्ना इन्सून क़ब्लहुम वला जान
56.  इन जन्नतों में नीची नजर रखने वाली बीवियां होंगी जिन को मुत्तकीन से पहले किसी इंसान ने हाथ नहीं लगाया और ना की जिन्न ने 

57. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
57.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे

58. क अन्न हुन्नल याकूतु वल मरजान
58.  गोया के वह याकूत और मोंगा है 

59. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
59.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

60. हल जज़ा उल इहसानि इल्लल इहसान
60.  नेकी का बदला सिर्फ नेकी है 

61. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
61.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

62. वमिन दूनिहिमा जन नतान
62.  और इन दो जन्नातों के अलावा और दो जन्नते हैं 

63. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
63.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे

64. मुद हाम मतान
64.  वह दो जन्नते स्याही  माइल सब्ज रंग की है

65. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
65.  पस  तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

66. फीहिमा ऐनानि नज्ज़ा खतान
66.  इन जन्नतों में छलकते हुए दो चश्मे हैं 

67. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
67.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

68. फीहिमा फाकिहतुव व नख्लुव वरुम मान
68.  इन जन्नतों में फल और खजूरें है और अनार है 

69. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
69.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

70. फिहिन्ना खैरातुन हिसान
70.  इन जन्नतों में खूबसूरत’खूबसूरत सीरत बीवियां है 

71. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
71.  सो तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

72. हूरुम मक्सूरातुन फिल खियाम
72.  बड़ी आंखों वाली हूरें हैं जो खेमों में बा परदाह है

73. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
73.  पस तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

74. लम यत मिस हुन्ना इन्सून क़ब्लहुम वला जान
74.  इनको इससे पहले ना किसी इंसान ने हाथ लगाया है ना जिन्न ने 

75. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
75.  पस  तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

76. मुत तकि ईना अला रफ़रफिन खुजरिव व अब्क़रिय यिन हिसान
76. ( मुत्तकिन) सब्ज कालिनो और नफिस बिस्तरों पर तकिया लगाए हुए होंगे 

77. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
77. पस  तुम दोनों अपने रब के कौन-कौन सी नेमतों को झूठ लाओगे 

78. तबा रकस्मु रब्बिका ज़िल जलाली वल इकराम
78. आपके रब का नाम बरकत है जो बहुत बुजुर्गी वाला और बहुत इज्जत वाला है

सूरह  रहमान तफसीर हिंदी में पढ़ें 

सूरह का नाम   सूरह अर रहमान 

इस   सूरह का नाम अर रहमान हैक्योंकि इस सूरह का पहला लफ्ज़ अर रहमान हैअहादीस में भी इस सूरह का नाम अर रहमान आया है जिसको इंशाल्लाह हम अभी जिक्र करेंगे इस सूरह के नजूल का सबब यह बयान किया गया है

तर्जमा–और जब इनसे कहा जाता है के रहमान को सजदा करो तो वह कहते हैं रहमान क्या है? क्या हम इसको सजदा करें जिस (को सजदा करने) का आप हमें हुक्म दे रहे हैं? और इस हुक्मने इन की नफरत में मजिद इजाफा कर दियाo (अल फुरकान60.)  

जमहूर सहाबा वा ताबयीन के नजदीक यह सूरत मक्की सूरत है और एक जमात ने हज़रत इब्ने अब्बास रज़ी अल्लाह होता अल्लाह अनहुमा से यह रिवायत किया है कि यह सूरत मदनी है और सुलाहे हुदैबिया के मौके पर नाजिल हुई थी जब के हज़रत इब्ने अब्बास रज़ी अल्लाह ताला अनुमा का दूसरा कॉल यह है कि यह सूरत मक्की है यह सूरत सूरत अल हिजर और सूरत अल नहल से पहले और सूरत अल फुरकान के बाद नाजिल हुई है तरतीब के ऐतबार से इस सूरत का नंबर 43 है और तरतीबमोसहफ के ऐतबार से इस सूरत का नंबर 55. है 

Surah Ar-Rahman के मोत्तालिक अहादीस 

अरवाह इब्ने अल जुबैर रजी अल्लाह हो तला अन्ह बयान करते हैं के नबी अकरम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के बाद जिसने मक्का में सबसे पहले बा आवाज बुलंद कुरान मजीद पढ़ावहहजरत अब्दुल्ला बिन मसूद रजि अल्लाह तला अन्हू है क्योंकि एक दिन सहाबा ने कहा के कुरैश ने आज तक किसी से बा आवाज बुलंद कुरान मजीद नहीं सुनापस कौन शख्स है जो इनको बुलंद आवाज से कुरान सुनाएं? हज़रत इब्ने मसूद रज़ी अल्लाह ताला अन्ह ने कहा: मैं सुनाऊंगा सहाबा ने कहा :हमें तुम्हारे मुतालिक खतरा है हम चाहते हैं कि कोई ऐसा शख्स इन को कुरान सुनाएंजिसके पास उनके सर से बचने के लिए मजबूत जत्था हो हज़रत इब्ने मसूद नहीं माने और इन्होंने मकामे इब्राहिम के पास खड़े होकर पढ़ा बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम ( अर रहमान अल लमल कुरआन)(अर रहमान 1,2) 

पर इन्होंने अपनी आवाज बहुत बुलंद कीइस वक्त कुरैश अपनी मजलिस में बैठे हुए थे इन्होंने कहा: उम् अब्द के बेटे! क्या कह रहे है ? यह वही कलाम पढ़ रहे हैं जिसकेमुतालिक (सैयदना मोहम्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैही वसल्लम) कहते हैं कि यह कलाम इन पर नाजिल किया गया हैफिर इन्होंने हज़रत इब्ने मसूद रजि अल्लाह तला अन्हू को मारा पीटाहत्ता के इनका चेहरा सूज गया

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