< Surah Muzammil In Hindi Pdf | सूरह मुज़्ज़म्मिल हिंदी में पढ़े
Surah Muzammil In Hindi | सूरह मुज़्ज़म्मिल हिंदी में पढ़े

Surah Muzammil In Hindi Pdf | सूरह मुज़्ज़म्मिल हिंदी में पढ़े

Surah Muzammil In Hindi

Surah Muzammil In Hindi | सूरह मुजम्मिल मक्की सूरत है इस में 20 आयत और 2 रुकु है

बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम
अल्लाह के नाम से शुरू जो निहायत रहम फरमाने वाला बहुत मेहरबान है

1. या अय्युहल मुज़ ज़ममिलo
ए चादर लपेटने वाले o

2. कुमिल लैला इल्ला क़लीलाo
रात को नमाज में कयाम करें मगर थोड़ा o

3. निस्फहू अविन कुस मिन्हु क़लीलाo
आधी रात या इससे कुछ कम कर दें o

4. अव्ज़िद अलैहि वरत तिलिल कुरआन तरतीलाo
या इस पर कुछ इजाफा कर दें और कुरान ठहर ठहर कर पढ़ें o

5. इन्ना सनुल्की अलैका कौलन सक़ीलाo
बेशक हम आप पर भारी कलाम नाजिल फरमाएंगे o

6. इन्न नाशिअतल लैलि हिया अशद्दु वत अव वअक्वमु कीलाo
बेशक रात को उठना (नफ्स पर) सख्त भारी है और कलाम को दुरुस्त रखने वाला है o

7. इन्ना लका फिन नहारि सबहन तवीलाo
बेशक दिन में आपकी बहुत मसरूफ्यात है o

8. वज कुरिस्मा रब्बिका व तबत तल इलैहि तब्तीलाo
और आप अपने रब के नाम का जिक्र करते रहे और सबसे मनकतअ होकर इसी के हो रहे o

9. रब्बुल मशरिकि वल मगरिबि ला इलाहा इल्ला हुवा फत तखिज्हू वकीलाo
वह मशरिक़ और मगरिब का रब है, इस के सिवा कोई इबादत का मुस्तहिक नहीं सो आप इसको अपना कार साज़ बना ले o

10. वसबिर अला मा यकूलूना वजुर हुम हजरन जमीलाo
और आप काफिरों की बातों पर सब्र करें और इनको खुश असलूबी से छोड़ दें o

11. वज़रनी वल मुकज्ज़िबीना उलिन नअ, मति वमह हिल्हुम क़लीलाo
और इन मालदार झूठलाने वालों को मुझ पर छोड़ दे और इनको थोड़ी मोहलत दें o

12. इन्ना लदैना अन्कालव वजहीमाo
बेशक हमारे पास (इनके लिए) भारी बेड़ियां और भड़कती हुई आग है o

13. व तआमन ज़ा गुस्सतिव व अज़ाबन अलीमाo
और हलक में फसने वाला खाना और दर्दनाक अजाब है o

14. यौमा तरजुफुल अरजु वल जिबालु व कानतिल जिबालु कसीबम महीलाo
जिस दिन जमीन और पहाड़ लरज़ने लगेंगे और पहाड़ रेत का बिखरा हुवा टिला बन जायेंगे o

15. इन्ना अरसलना इलैकुम रसूला शाहिदन अलैकुम कमा अरसलना इला फ़िरऔना रसूलाo
बेशक हम ने तुम्हारी तरफ रसूल भेजा जो तुम पर गवाह है जिस तरह हमने फिरौन की तरफ रसूल भेजा o

16. फ़असा फ़िरऔनुर रसूला फ़अख्ज्नाहू अख्ज़व वबीलाo
पस फ़िरऔन ने इस रसूल की नाफरमानी की तो हमने इसको सख्त गिरफ्त से पकड़ लिया o

17. फ़कैफ़ा तत तकूना इन कफरतुम यौमय यजअलुल विल्दाना शीबाo
अगर तुम ने इसका इनकार किया तो तुम इस दिन के अजाब से कैसे बचोगे जो बच्चों को बूढ़ा कर देगा o

18. अस समाउ मुन्फतिरुम बिह कान वअदुहू मफ़ऊलाo
आसमान इसकी शिद्दत से फट जाएगा इसका वादा पूरा होकर रहेगा o

19. इन्ना हाज़िही तज्किरह फ़मन शाअत तखज़ा इला रब्बिही सबीलाo
बेशक यह (आयात) नसीहत है’ सो जो चाहे अपने रब की तरफ रास्ते को इख्तियार कर ले o

20. इन्ना रब्बका यअलमु अन्नका तकूमु अदना मिन सुलुसयिल लैलि व निस्फहू व सुलुसहू व ताइफतुम मिनल लज़ीना मअक वल्लाहु युक़द्दिरुल लैला वन नहारo
अलिमा अल लन तुह्सूहू फताबा अलैकुम फकरऊ मा तयस सरा मिनल कुरआन अलिमा अन सयकूनु मिन्कुम मरजा व आखरूना यजरिबूना फ़िल अरज़ि यब्तगूना मिन फजलिल लाहि व आख़रूना युकातिलूना फ़ी सबीलिल लाहि फकरऊ मा तयस सरा मिनहु व अक़ीमुस सलाता व आतुज़ ज़काता व अकरिजुल लाहा करजन हसना वमा तुक़ददिमू लि अन्फुसिकुम मिन खैरिन तजिदूहू इन्दल लाहि हुवा खैरव व अ’ अज़मा अजरा वस ताग्फिरुल लाह इन्नल लाहा गफूरुर रहीमo

बेशक आप का रब जानता है के आप (कभी) दो तिहाई रात के करीब कयाम करते हैं और (कभी) आधी रात तक और (कभी) एक तिहाई रात तक और आप के साथ जो लोग हैं इनमें से एक जमात भी कयाम करती है’और अल्लाह रात और दिन का अंदाजा फरमाता है’ अल्लाह को इल्म है के अय मुसलमानो! तुम हरगीज इस कयाम का शुमार नहीं कर सकोगे’ सो इसने तुम्हारी तौबा कबूल फरमाइ पस तुम जितना आसानी से कुरान पढ़ सकते हो पढ़ लिया करो’ अल्लाह को इल्म है के तुम में से कुछ बीमार होंगे और कुछ लोग जमीन में सफर करेंगे’ अल्लाह के फजल को तलाश करते हुए’ और कुछ दूसरे लोग अल्लाह की राह में किताल कर रहे होंगे’ पस तुम जितना आसानी से कुरान पढ़ सकते हो पढ़ लिया करो’ और नमाज कायम करो और जकात अदा करो और अल्लाह को अच्छा कर्ज दो और तुम अपनी भलाई के लिए जो कुछ आगे भेजोगे इस को अल्लाह के पास इससे बेहतर और ज्यादा सवाब में पाओगे और अल्लाह से मगफिरत तलब करते रहो’ बेशक अल्लाह बहुत  मगफिरत फरमाने वाला बेहद रहम फरमाने वाला है

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