Surah Mulk – यह सुरत मक्की सुरत है। इस सूरत का नाम अल मुल्क है और यह नाम इस सूरत की दर्ज जेल आयात से माखूज है।
तरतीबे नुजुल के ऐतबार से इस सूरत का नंबर 76 है और तरतीबे पर मुसहफ के एतबार से इस सूरत का नंबर 67 है यह सूरत अल मोमिनुन के बाद और सूरत अलहाकाह से पहले नाजिल हुई है।
surah mulk In Hindi and Urdu
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
- तबा रकल लज़ी बियादि हिल मुल्क वहुवा अला कुल्लि शय इन क़दीर
تَبَارَكَ الَّذِي بِيَدِهِ الْمُلْكُ وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
- अल्लज़ी खलक़ल मौता वल हयात लियन लुवकुम अय्युकुम अहसन अमला वहुवल अजीजुल गफूर
الَّذِي خَلَقَ الْمَوْتَ وَالْحَيَاةَ لِيَبْلُوَكُمْ أَيُّكُمْ أَحْسَنُ عَمَلًا ۚ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْغَفُورُ
- अल्लज़ी खलका सबआ समावा तिन तिबाका मा तरा फ़ी खल्किर रहमानी मिन ताफवुत फ़र जिइल बसरा हल तरा मिन फुतूर
الَّذِي خَلَقَ سَبْعَ سَمَاوَاتٍ طِبَاقًا ۖ مَا تَرَىٰ فِي خَلْقِ الرَّحْمَٰنِ مِن تَفَاوُتٍ ۖ فَارْجِعِ الْبَصَرَ هَلْ تَرَىٰ مِن فُطُورٍ
- सुम्मर जिइल बसरा कर रतयनी यन्क़लिब इलयकल बसरु खासि अव वहुवा हसीर
ثُمَّ ارْجِعِ الْبَصَرَ كَرَّتَيْنِ يَنقَلِبْ إِلَيْكَ الْبَصَرُ خَاسِئًا وَهُوَ حَسِيرٌ
- वलक़द जय यन्नस समा अद दुनिया बिमसा बीहा वजा अल्नाहा रुजूमल लिश शयातीनि वअ अतदना लहुम अज़ाबस सईर
وَلَقَدْ زَيَّنَّا السَّمَاءَ الدُّنْيَا بِمَصَابِيحَ وَجَعَلْنَاهَا رُجُومًا لِّلشَّيَاطِينِ وَأَعْتَدْنَا لَهُمْ عَذَابَ السَّعِيرِ
- वालिल लज़ीना कफरू बिरब बिहिम अजाबू जहन्नम वबिअ सल मसीर
وَلِلَّذِينَ كَفَرُوا بِرَبِّهِمْ عَذَابُ جَهَنَّمَ وَبِئْسَ الْمَصِيرُ
- इज़ा उल्कु फ़ीहा समिऊ लहा शहीक़व वाहिय तफूर
إِذَا أُلْقُوا فِيهَا سَمِعُوا لَهَا شَهِيقًا وَهِيَ تَفُورُ
- तकादु तमय यजु मिनल गय्ज़ कुल्लमा उल्किया फ़ीहा फौजुन सअलहुम खज़नतुहा अलम पॅअ तिकुम नज़ीर
تَكَادُ تَمَيَّزُ مِنَ الْغَيْظِ ۖ كُلَّمَا أُلْقِيَ فِيهَا فَوْجٌ سَأَلَهُمْ خَزَنَتُهَا أَلَمْ يَأْتِكُمْ نَذِيرٌ
- कालू बला क़द जा अना नज़ीर फ़ कजज़ ब्ना वकुलना मा नज्ज़लल लाहू मिन शय इन अन्तुम इल्ला फ़ी ज़लालिन कबीर
قَالُوا بَلَىٰ قَدْ جَاءَنَا نَذِيرٌ فَكَذَّبْنَا وَقُلْنَا مَا نَزَّلَ اللَّهُ مِن شَيْءٍ إِنْ أَنتُمْ إِلَّا فِي ضَلَالٍ كَبِيرٍ
- व कालू लौ कुन्ना नस मऊ औ अकिल मा कुन्ना फ़ी अस हाबिस सईर
وَقَالُوا لَوْ كُنَّا نَسْمَعُ أَوْ نَعْقِلُ مَا كُنَّا فِي أَصْحَابِ السَّعِيرِ
- फ़अतरफु बिज़म बिहिम फ़ सुहक़ल लिअस हाबिस सईर
فَاعْتَرَفُوا بِذَنبِهِمْ فَسُحْقًا لِّأَصْحَابِ السَّعِيرِ
- इन्नल लज़ीना यख्शौना रब्बहुम बिल गयबि लहुम मग फिरतुव व अजरुन कँबीर
إِنَّ الَّذِينَ يَخْشَوْنَ رَبَّهُم بِالْغَيْبِ لَهُم مَّغْفِرَةٌ وَأَجْرٌ كَبِيرٌ
- व असिररू कौलकुम अविज हरु बिह इन्नहू अलीमुम बिज़ातिस सुदूर
وَأَسِرُّوا قَوْلَكُمْ أَوِ اجْهَرُوا بِهِ ۖ إِنَّهُ عَلِيمٌ بِذَاتِ الصُّدُورِ
- अला य अलमु मन खलक वहुवल लतीफुल खबीर
أَلَا يَعْلَمُ مَنْ خَلَقَ وَهُوَ اللَّطِيفُ الْخَبِيرُ
- हवल लज़ी जअ ललकुमुल अरज़ा जलूलन फमशू फ़ी मना किंबिहा वकुलू मिर रिज्किह व इलय हिन् नुशूर
هُوَ الَّذِي جَعَلَ لَكُمُ الْأَرْضَ ذَلُولًا فَامْشُوا فِي مَنَاكِبِهَا وَكُلُوا مِن رِّزْقِهِ ۖ وَإِلَيْهِ النُّشُورُ
- अ अमिन्तुम मन फिस समाई अय यखसिफा बिकुमुल अरज़ा फ़इज़ा हिया तमूर
أَأَمِنتُم مَّن فِي السَّمَاءِ أَن يَخْسِفَ بِكُمُ الْأَرْضَ فَإِذَا هِيَ تَمُورُ
- अम अमितुम मन फिस समाई अय युरसिला अलयकुम हासिबा फ़स तअ लमूना कैफा नज़ीर
أَمْ أَمِنتُم مَّن فِي السَّمَاءِ أَن يُرْسِلَ عَلَيْكُمْ حَاصِبًا ۖ فَسَتَعْلَمُونَ كَيْفَ نَذِيرِ
- वलक़द कज्ज़बल लज़ीना मिन क़बलिहिम फ़कय्फा काना नकीर
وَلَقَدْ كَذَّبَ الَّذِينَ مِن قَبْلِهِمْ فَكَيْفَ كَانَ نَكِيرِ
- अवलम यारौ इलत तैरी फौक़हम साफ़ फातिव व याक्बिज्न मा युम्सिँकु हुन्ना इललर रहमान इन्नहू बिकुल्ली शय इम बसीर
أَوَلَمْ يَرَوْا إِلَى الطَّيْرِ فَوْقَهُمْ صَافَّاتٍ وَيَقْبِضْنَ ۚ مَا يُمْسِكُهُنَّ إِلَّا الرَّحْمَٰنُ ۚ إِنَّهُ بِكُلِّ شَيْءٍ بَصِيرٌ
- अम्मन हाज़ल लज़ी हुवा जुन्दुल लकुम यनसुरकुम मिन दूर्निर रहमान इनिल कफिरूना इल्ला फ़ी गुरूर
أَمَّنْ هَٰذَا الَّذِي هُوَ جُندٌ لَّكُمْ يَنصُرُكُم مِّن دُونِ الرَّحْمَٰنِ ۚ إِنِ الْكَافِرُونَ إِلَّا فِي غُرُورٍ
- अम्मन हाज़ल लज़ी यर ज़ुकु कुम इन अम्सका रिज्कह बल लज्जू फ़ौ उतुव विव व नुपूर
أَمَّنْ هَٰذَا الَّذِي يَرْزُقُكُمْ إِنْ أَمْسَكَ رِزْقَهُ ۚ بَل لَّجُّوا فِي عُتُوٍّ وَنُفُورٍ
- अफ़मय यम्शी मुकिब्बन अला वज हिही अहदा अम्मय यम्शी सविय्यन अला सिरातिम मुस्तकीम
أَفَمَن يَمْشِي مُكِبًّا عَلَىٰ وَجْهِهِ أَهْدَىٰ أَمَّن يَمْشِي سَوِيًّا عَلَىٰ صِرَاطٍ مُّسْتَقِيمٍ
- कुल हुवल लज़ी अन शअ कुम वजाँ अला लकुमुस समआ वलॅ अबसारा वल अफ इदह क़लीलम मा तश्कूरून
قُلْ هُوَ الَّذِي أَنشَأَكُمْ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْأَبْصَارَ وَالْأَفْئِدَةَ ۚ قَلِيلًا مَّا تَشْكُرُونَ
- कुल हुवल लज़ी ज़रअकुम फिल अरज़ि व इलैहि तुशरून
قُلْ هُوَ الَّذِي ذَرَأَكُمْ فِي الْأَرْضِ وَإِلَيْهِ تُحْشَرُونَ
- व यकूलूना मता हाज़ल वअदू इन कुन्तुम सदिकीन
وَيَقُولُونَ مَتَىٰ هَٰذَا الْوَعْدُ إِن كُنتُمْ صَادِقِينَ
- कुल इन्नमल इल्मु इन्दल लाहि व इन्नमा अना नजीरुम मुबीन
قُلْ إِنَّمَا الْعِلْمُ عِندَ اللَّهِ وَإِنَّمَا أَنَا نَذِيرٌ مُّبِينٌ
- फ़लम्मा रऔहु जुल फतन सी अत वुजूहूल लज़ी कफरू व कीला हाज़ल लज़ौ कुन्तुम बिही तदद ऊन
فَلَمَّا رَأَوْهُ زُلْفَةً سِيئَتْ وُجُوهُ الَّذِينَ كَفَرُوا وَقِيلَ هَٰذَا الَّذِي كُنتُم بِهِ تَدَّعُونَ
- कुल अरअय्तुम इन अहलका नियल लाह वमम मइया अव रहिमना फमय युजीरुल कफिरीना मिन अजाबिन अलीम
قُلْ أَرَأَيْتُمْ إِنْ أَهْلَكَنِيَ اللَّهُ وَمَن مَّعِيَ أَوْ رَحِمَنَا فَمَن يُجِيرُ الْكَافِرِينَ مِنْ عَذَابٍ أَلِيمٍ
- कुल हूवर रहमानु आमन्ना बिही व अलयही तवक कलना फ़ सतअ लमूना मन हुवा फ़ी ज़लालिम मुबीन
قُلْ هُوَ الرَّحْمَٰنُ آمَنَّا بِهِ وَعَلَيْهِ تَوَكَّلْنَا ۖ فَسَتَعْلَمُونَ مَنْ هُوَ فِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ
- कुल अरा अय्तुम इन अस्बहा मा उकुम गौरन फ़मय यअ तीकुम बिमा इम मईन
قُلْ أَرَأَيْتُمْ إِنْ أَصْبَحَ مَاؤُكُمْ غَوْرًا فَمَن يَأْتِيكُم بِمَاءٍ مَّعِينٍ
surah mulk In Hindi / सुरह मुल्क तर्जमा हिंदी में
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
( अल्लाह ही के नाम से शुरू जो नेहायत रहम फरमाने वाला बहुत मेहरबान है )
- वो ज़ात नेहायत बरकत है जिसके हाथ में (तमाम दुनिया की) सल्तनत है और वह हर चीज पर कादिर है
- जिसने मौत और हयात को पैदा किया ताकि तुम्हारी आजमाइश करें कि तुम में से कौन ज्यादा अच्छा अमल करने वाला है और वह बेहद गालीब बहुत बख्शने वाला है
- जिसने एक दूसरे के ऊपर सात आसमान बनाएं (ऐ मुखातिब!) तू रहमान के नजम तखलीख़ में कोई खलल नहीं देखेगा पस दोबारा देख क्या तू (इनमें) कोई सग्गाफ देखता है
- फिर बार-बार नजर उठा कर देख तेरी नजर थक कर तेरे तरफ नाकाम पलट आएगी
- और बेशक हमने आसमानी दुनिया को चिरागों से मज़ीन कर दिया और इन को शैतानों के मार भगाने का जरिया बना दिया उनके लिए दहकती हुई दोजख में अजाब तैयार कर दिया
- और अपने रब का कुफ्र करने वालों के लिए दोजख़ का अज़ाब है और कैसा बुरा ठिकाना है
- जब इन को दोजख़ में झोंक दिया जायेगा तो वह दोजख़ की खौफ़नाक चिंघाड़ सुनेंगे और वह जोश में आरही होगी
- गोया वह अभी शिद्दत गज़ब से फट जायेगी जब भी इसमें काफिरों का कोई गिरोह डाला जाएगा तो इसके मुहाफिज इन से पूछेंगे क्या तुम्हारे पास कोई अजाब से डराने वाला नहीं आया था
- वह कहेंगे क्यों नहीं बेशक हमारे पास अजाब से डराने वाला आया था पस हमने इसकी तक्जीब की और हमने कहा अल्लाह ने तुम पर कोई चीज नाजिल नहीं कि तुम सिर्फ बड़ी गुमराही में हो
- वह कहेंगे काश हम गौर से सुनते या अकल से काम लेते तो आज हम दोजक वालों में से ना होते
- बस वह अपने गुनाह का एेतराफ करेंगे सो दो दोजखियो के लिए अल्लाह की रहमत से दूरी हो
- बेशक जो लोग बिन देखे अल्लाह से डरते हैं उनके लिए बख्शीश है और बहुत बड़ा अजर है
- और तुम छुपा कर बात करो या जाहिर कर के बेशक वह दिलों की बातों को खूब जानने वाला है
14. क्या वह नहीं जानता जिसने पैदा किया है हालांके वह बहुत बारीक बिन और बहुत खबर रखने वाला है
- वही है जिसने तुम्हारे लिए जमीन को नरम और चलने के काबिल बना दिया सो तुम इसके रास्तों में चलो और इसकी दी हुई रोजी में से खाओ और इसी की तरफ सब ने उठकर जाना है
- क्या तुम आसमान वाले से बेखौफ हो गए हो कि वह तुमको जमीन में धंसा दे फिर अचानक वह जमीन लरज़ने लगे
- क्या तुम आसमान वाले से बेखौफ हो गए कि वह तुम पर कंकरिया बरसाने वाली तेज हवा भेज दे पस अन करीब तुमको मालूम हो जाएगा के मेरा डराना कैसा था
- और बेशक इसे पहले लोगों ने झूठलाया था तो कैसा हुआ मेरा इनकार करना
- क्या इन्होंने अपने ऊपर कभी पर फैलाए हुए और कभी पर समेटे हुए परिंदों को नहीं देखा इनको फिजा में रहमान के सिवा कोई रोक नहीं सकता बेशक वह हर चीज को खूब देखने वाला है
- भला वह तुम्हारा कौन सा लश्कर है जो अल्लाह के मुकाबले में तुम्हारी मदद कर सके काफिर तो सिर्फ धोखे में है
- या वह कौन है जो तुम्हें रोजी दे सके अगर अल्लाह अपना रिज्क देना बंद कर दे बल्के काफिर अपनी सरकशी में और नफरत में रासिख हो चुके हैं
- भला जो शख्स मुंह के बल औंधा चले वह ज़्यादा हिदायत याफ्ता है या वह जो शिराते मुस्तकीम पर चले ?
- आप कहे वही है जिस ने तुम्हे पैदा किया और तुम्हारे लिऐ कान और आंखें और दिल बनाए तुम बहुत कम शुक्र अदा करते हो
- आप कहें वही है जिसने तुमको जमीन में फैलाया है और इसी की तरफ तुम जमा किए जाओगे
- वह कहते हैं अजाब का वादा कब पूरा होगा अगर तुम सच्चे हो?
- आप कहें इसका इल्म तो अल्लाह ही के पास है और मैं तो सिर्फ अजाब से खुला खुला डराने वाला हूं
- फिर जब वह अजाब को करीब आता देखेंगे तो उनके चेहरे बिगड़ जाएंगे और कहा जाएगा यही है वह जिसको तुम बार-बार तलब करते थे
- आप कहें भला यह बताओ अगर अल्लाह मुझे और मेरे साथ वालों को हलाक कर दे या हम पर रहम फरमाए तो काफिरों को दर्दनाक अजाब से कौन पनाह देगा
- आप कहें वही रहमान है हम इस पर ईमान लाएं है और इसी पर हमने तवक्कुल किया है बस अन करीब तुम जान लोगे के कौन खुली गुमराही में है
- आप कहें भला यह बताओ कि अगर सुबह को तुम्हारा पानी जमीन में उतर जाए तो तुम्हारे पास बहता हुवा पानी कौन लाकर देगा
surah mulk In English
Bismillahirrahmanirrahim
- Tabaarakal-lazi biyadihil-mulk wa huwa ‘alaa kulli shay in qadeer
- Allazi khalaqal mawta wal hayaata liyabluwakum ayyukum ahsanu ‘amalaa wa huwa al-‘azeezul-ghafoor
- Allazi khalaqa sab’a samaawaati tibaaqaa maa taraa fee khalqir-rahmaani min tafaawut farji’il-basara hal taraa min futoor
- Sum marji’il-basara karrataini yanqalib ilaikal-basaru khaasi anw-wa huwa haseer
- Walaqad zayyannas-samaa ad-dunyaa bimasabiha wa ja’alnaaha rujuumal-lish-shayateeni wa a’tadnaa lahum ‘azaabas-saeer
- Wa lil lazeena kafaroo bi rabbihim ‘azaabu jahannam wa bi’sal-maseer
- Izaa ulqoo feehaa sami’oo lahaa shaheeqanw-wa hiya tafoor
- Takadu tamayyazu minal ghayz kullama ulqiya feehaa fawjun sa’alahum khazanatuha alam ya’tikum nazeer
- Qaaloo balaa qad jaaa’anaa nazeerun fa kazzabnaa wa qulnaa maa nazzalal laahu min shay in in antum illaa fee dalaalin kabeer
- Wa qaaloo law kunnaa nasma’u aw na’qilu maa kunnaa fee ashaabis-saeer
- Fa’tarafuu bi-zambihim fa suhqal-li ashaabis-saeer
- Innal lazeena yakhshawna rabbahum bil-ghaybi lahum maghfiratunw-wa ajrun kabeer
- Wa asirroo qawlakum awijharoo bih in-nahoo ‘aleemum-bizaatis-sudoor
- Alaa ya’lamu man khalaq wa huwa latiful-khabeer
- Huwal lazee ja’ala lakumul arda zaloolan famshoo fee manaakibihaa wakuloo mir rizqihee wa ilaihin-nushoor
- A amintum man fissamaaa’i ai yakhsifa bikumul arda fa-izaahiya tamoor
- Am amintum man fissamaa’i ai yursila ‘alaykum haasibaa fasata’lamoona kaifa nazeer
- Walaqad kazzabal lazeena min qablihim fakaifa kaana nakeer
- Awa lam yaraw ilattairi fawqahum saaffaatiw-wa yaqbidn maa yumsikuhunna illar-rahmanu innahoo bikulli shay im-baseer
- Amman haazal lazee huwa jundul-lakum yansurukum min doonir-rahmaan inilkafiroona illaa fee ghuroor
- Amman haazal lazee yarzuqukum in amsaka rizqah bal lajjoo fee ‘utuwwinw-wa nufoor
- Afamay yamshee mukibban ‘alaa wajhihee ahdaa ammay yamshee sawiyyan ‘alaa siraatim mustaqeem
- Qul huwa lazee ansha’akum wa ja’ala lakumus sam’a wal-absaara wal-af’idah qaleelam maa tashkuroon
- Qul huwa lazee zara akum fil ardi wa ilayhi tuhsharoon
- Wa yaqooloona mataa haazal-wa’du in kuntum saadiqeen
- Qul innamal ‘ilmu ‘indal laahi wa innamaa ana nazeerum-mubeen
- Falamma ra’awhu zulfatan see’at wujoohul lazeena kafaroo wa qeela haazal lazee kuntum bihee tadda’oon
- Qul ara’aytum in ahlakaniyal laahu wa mamma’iya aw rahimanaa famai-yujeerul kaafireena min ‘azaabin aleem
- Qul huwa rahmanu aamannaa bihi wa ‘alayhi tawakkalnaa fasata’lamoona man huwa fee dalaalim mubeen
- Qul ara’aytum in asbaha maaa’ukum ghawran famai ya’teekum bimaaa’in ma’een