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Surah Al-Fil | Alam Tara Kaifa Surah

Surah Al-Fil | Alam Tara Kaifa Surah In Arabic Hindi Eng

Surah Al-Fil | Alam Tara Kaifa Surah

Surah Al-Fil | Alam Tara Kaifa Surah |  सूरह अल फील मक्की सूरत है इस में पांच आयात और एक रुकु है   

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम 

अल्लाह ही के नाम से ( शुरू करता हूं) जो निहायत रहम फरमाने वाला बहुत मेहरबान है 

(1.) अलम् कै फ़ फ़ रब्बु बि अस्हाबिल् फ़ील o 
أَلَمْ تَرَ كَيْفَ فَعَلَ رَبُّكَ بِأَصْحَابِ الْفِيلِ

(2.) अलम् यज्अल् कै दहुम् फ़ी तज्लीलिंव o 
أَلَمْ يَجْعَلْ كَيْدَهُمْ فِي تَضْلِيلٍ

(3.) अर्स अलैहिम् तैरन् अबाबील o 
 وَأَرْسَلَ عَلَيْهِمْ طَيْرًا أَبَابِيلَ

(4.) तरमीहिम् बिहिजा रतिम् मिन् सिज्जील
 تَرْمِيهِم بِحِجَارَةٍ مِّن سِجِّيلٍ

(5.) फ़– ज लहुम् अस्फिम् मफूल 
 فَجَعَلَهُمْ كَعَصْفٍ مَّأْكُولٍ

Surah Al-Fil | Alam Tara Kaifa Surah

Surah Al-Fil | Alam Tara Kaifa Surah​ Tarjuma

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम 

अल्लाह ही के नाम से ( शुरू करता हूं) जो निहायत रहम फरमाने वाला बहुत मेहरबान है 

(1.) अलम् कै फ़ फ़ रब्बु बि अस्हाबिल् फ़ील o 
क्या आपने नहीं देखा के आपके रब ने हाथी वालों के साथ कैसा मुआमला किया? 

(2.) अलम् यज्अल् कै दहुम् फ़ी तज्लीलिंव o 
क्या इसने इन  के मकर को बातिल नहीं कर दिया  

(3.) अर्स अलैहिम् तैरन् अबाबील o 
और इन पर परिंदों के झुंड के झुंड भेज दिए 

(4.) तरमीहिम् बिहिजा रतिम् मिन् सिज्जील
जो इन्हें मिट्टी और पत्थर की कांकरिया मार रहे थे 

(5.) फ़– ज लहुम् अस्फिम् मफूल 
सो इन्हें खाए हुए भूसे की तरह कर दिया 

Surah Al-Fil | Alam Tara Kaifa Surah In English & Translation

Bismillah-hirrahman-nirraheem

(1.) Alam tara kaifa faala rabbuka bi ashaabil feel 
Kya aapane nahin dekha ki aapke rab ne hathi walon ke sath kaisa muamla Kiya? 

(2.) Alam yajal kai dahum fee tad leel  
Kya is ne inke makar Ko batil nahin kar Diya? 

(3.) Wa arsala alaihim tairan abaabeel  
Aur in par parindon ke jhund ke jhund bhej diye 

(4.) Tar meehim bi hi jaaratim min sij jeel
Jo inhen mitti aur patthar ki kankariyan maar rahe the 

(5.) Faja alahum kaasfim makuul 
So inhen khaye hue bhuse ki tarah kar diya 

Surah Al-Fil | Alam Tara Kaifa Surah तफसीर

अल्लाह ताला का इरशाद है: क्या आपने नहीं देखा कि आपके रब ने हाथी वालों के साथ कैसा मुआमला किया?o क्या इसमें इनके मकर को बातिल नहीं कर दिया?o 

(अल–फिल 1–2) 

’‘असहाब अल फिल’’ को आपका देखना मतसूर नहीं था फिर क्यों फरमाया: क्या आप ने नहीं देखा ? 

अल फिल –1 मैं फरमाया है: क्या आपने नहीं देखा?  हलांके  यह वाक्य आपकी बाआसत से 40 साल पहले हुआ था’तो जो वाक्या आपकी पैदाइश से पहले रुनुमा हुआ हो’इसको आप कैसे देख सकते थे? इसका जवाब यह है के इसमें  यह इशारा है के  परिंदों के कंकरिया फेंकने का वाक्य तो अतर से साबित था और इसका इल्म अरब में हर किस वा ना किस को हो चुका था और इसका इल्म ऐसा ही यकीनी था जैसा के किसी चीज को देखकर इल्म होता है’ बस क्या आपने नहीं देखा? यह इस माना में है: क्या आपने नहीं जाना? लेकिन चुके इसका इल्म मोशाहिदा की तरह यकीनी था’ इसलिए फरमाया: क्या आपने नहीं देखा? 

परिंदों से अब्राहा के लश्कर को फना करना नबीये अकरम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम का अरहास था

परिंदों के कंकरिया मारने का वाक्य अल्लाह ताला के इल्म और इसकी कुदरत पर दलील है और इसमें नबी अकरम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के शर्फ का जहूर है के अल्लाह ताला ने आपकी बाअसत से पहले आपके लिए एक खिलाफे आदत और खिलाफ ए माअमूल अमर जाहिर फरमाया और नबी की बाअसत से पहले भी मोजीजा का जुहुर जायज है और इसको इसतलाह में अरहास कहते हैं 

कुफ्फार पर जो आसमानी अजाब आते रहे हैं’ मसलन  कौमे आद को आंधी से हिलाक कर  देना और कुफ्फार की बाज़ कौमों को जलजलों से हिलाक कर देना’ बाज़ दहरिये इनका इनकार करते हैं ’लेकिन परिंदों ने जो अपनी चोंच और पंजों में कंकरिया ली हुई थी और इनको इन्होंने अबरहा की फौज पर इस तरह मारा के वह कंकर जिस के सर पर लगता इस की  मकअद से निकल जाता और हर कंकरी पर इस शख्स का नाम लिखा हुआ था’ जिसके सर पर वह कंकर मारा जाता था और यह ऐसी चीज है के इस के मुतालिक यह नहीं कहा जा सकता के इसमें कोई शाबदा या कोई हीला है ’और ना यह कहा जा सकता है कि यह हदीस जइफा की तरह है क्योंकि जिस साल हाथियों वाला वाक्या हुआ था’ इसी साल हमारे नबी सैयदना रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु ताला अलैही वसल्लम की विलादत हुई थी और इसके 40 साल बाद आपने अपनी नबूवत का ऐलान किया और इसके कुछ दिन बाद ही मक्का में यह सूरत नाजिल हुई ’अगर बिल फर्ज यह वाक्य ना हुआ होता तो मक्का में आपकी बहुत मुखालिफिन थे’ वह सब आसमान सर पर उठा लेते के ऐसा कुछ नहीं हुआ था’ ना अबरहा हाथियों के साथ फौज लेकर आया था ना इसकी फौज  के ऊपर परिंदों ने कंकरिया मारी थी’ ऐसा कुछ नहीं हुआ था’ और जब किसी ने इस सूरत के नाजिल होने के बाद इस की तकज़िब नहीं की तो मालूम हो गया यह वाक्या सबके नजदीक तस्लीम शुदा और मारूफ था’ लहजा यह वाक्य नबी अकरम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम की नबूवत पर जबरदस्त दलील है और यह वह मोअजेजा है जो आपके एलाने नबूवत से पहले जाहिर हुआ। 

हमने लिखा है कि यह वाक्य आपकी बाइसत से 40 साल पहले हुआ था’ इस की दलील यह हदीस है: हजरत कैस बिन मखरमाह रादियाल्लाहो ताला अन्ह बयान करते हैं के मैं और रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम हाथियों के लश्कर वाले साल में पैदा हुए थे हमारी पैदाइश एक साल में हुई है। ( मुस्नद अहमद जिल्द 4सफा 215 ताअबिअ कदीम’मुस्नद अहमद जिल्द 29 सफा 422–रक्मुल हदीस:17891’)  

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