qurbani ki dua | कुरबानी की दुआ
Qurbani Ki Dua | कुरबानी की दुआ – कुर्बानी यह एक माली इबादत है जो गनी पर वाजिब है खास जानवर को खास दिन में अल्लाह के लिए सवाब की नीयत से ज़िबाह करना कुर्बानी है मुसलमान मुकीम मलिके निसाब, आज़ाद पर वाजिब है।
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيم
” इन्नी वज्जहतु वजहिया लिललज़ी फत्तारा-स-समावाती वलर्दा अला मिल्लती इब्राहिमी हनीफ-व-वमा, आनामीना-नल मुशरिकिन, इन्ना सालाती-वा नुसुकी वा महयाया ,वा ममाती लिल्लाही रब्बिल आल्लमीना लाशरीका लहू वा बिज़ालिका उमरीतू वा आना मीनल मुस्लिमीन अल्लाहुम्मा मिनका वा लका अन “
qurbani ki dua In hIndi
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
” इन्नी वज्जहतु वजहिया लिललज़ी फत्तारा-स-समावाती वलर्दा अला मिल्लती इब्राहिमी हनीफ-व-वमा, आनामीना-नल मुशरिकिन, इन्ना सालाती-वा नुसुकी वा महयाया ,वा ममाती लिल्लाही रब्बिल आल्लमीना लाशरीका लहू वा बिज़ालिका उमरीतू वा आना मीनल मुस्लिमीन अल्लाहुम्मा मिनका वा लका अन “
Note – ( अन के बाद) इस का नाम ले जिस की तरफ़ से ज़िबह कर रहा हो और अगर अपनी तरफ से ज़िबह कर रहा हो तो अपना नाम लें इस के बाद (बिस्मिल्लाह अल्लाहू) अकबर कहकर ज़िबाह कर दें।
तर्जुमा – मैं इस ज़ात की तरफ अपना रूख मोड़ा जिसने आसमानों को और जमीन को पैदा फरमाया इस हाल में के में इब्राहिम हनीफ के दीन पर हूं और मुशरिकों में से मैं नहीं हूं बेशक मेरी नमाज और मेरी इबादत और मेरा मरना और जीना सब अल्लाह के लिए है जो रब्बुलआल्लमीन है जिसका कोई शरीक नहीं और मुझे इसी का हुक्म दिया गया है और मैं फरमाबरदारों में से हूं ए अल्लाह यह कुर्बानी तेरी तौफीक से है और तेरे ही लिए है।
qurbani ki dua In English
Bismillāhir-raḥmānir-raḥīm
“Inni wajjahtu wajhiya lillazi fataras-samawati wal-arda ‘ala millati Ibrahima haneefa wa ma ana minal mushrikeen. Inna salati wa nusuki wa mahyaya wa mamati lillahi rabbil ‘alameen. La sharika lahu wa bizalika umirtu wa ana minal muslimeen. Allahumma minka wa laka.”
Tarjuma – “Main ne us zaat ki taraf apna rukh modha jisne aasmanon ko aur zameen ko paida farmaya, is haal mein ke main Ibrahim Hanif ke deen par hoon aur mushrikon mein se main nahi hoon. Beshak meri namaaz aur meri ibadat, mera marna aur jeena sab Allah ke liye hai jo Rabbul Aalameen hai, jiska koi shareek nahi, aur mujhe isi ka hukm diya gaya hai aur main farma-bardaron mein se hoon. Ae Allah, yeh qurbani teri taufeeq se hai aur tere hi liye hai.”
qurbani ki dua In Urdu
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيم