Namaz e Ghousia Ka Tarika | नमाजे गौसिया इस नमाज़ को पढ़ने से इंसान की कितनी भी बड़ी हाजत कितनी भी बड़ी काम बहुत आसानी से पुरी हो जायेगी । इस नमाज़ को पढ़ने के बाद जो भी दुआ हम मांगेंगे अल्लाह कबूल फरमाएगा ।
Namaz e Ghousia Ka Tarika | नमाज़े गौसिया
यह महीना हुजुरे सैयदना गौसे आजम शेख अब्दुल कादिर जिलानी रजि अल्लाहू ताला अन्ह से मंसूब है –इस माह 1,3,5,7,9,11, तारीखो में से किसी शब को सलात गौसिया पढ़े उसी सब उस की हाजत पुरी हो , अगर चे वो हाजत कितनी ही बड़ी क्यों ना हो ।
तरकीब नमाजे गौसिया:– बाद नमाज मगरिब सुन्नते पढ़ कर दो रकात नमाजे नफिल इस तरह पढ़े कि हर रकात में अल्हम्दु शरीफ के बाद 11 बार सूरह इखलास फिर सलाम के बाद ।
Surah Fatiha In Hindi / सूरह फातिहा
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
1. अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلْعَـٰلَمِينَ
2. अर्रहमानिर्रहीम
ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ
3. मालिकि यौमिद्दीन
مَـٰلِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ
4. इय्या-क न बुदु व इय्या-क नस्तीइन
إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ
5. इहदिनस्सिरातल्-मुस्तकीम
إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ
6. सिरातल्लज़ी-न अन्अम्-त अलैहिम गैरिल्-मग़जूबि अलैहिम् व लज्जॉल्लीन
صِرَٰطَ ٱلَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ ٱلْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا ٱلضَّآلِّينَ
11 बार सूरह इखलास पढ़ें | Surah Ikhlas
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
قُلْ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ
(2) अल्लाहुस समद o
ٱللَّهُ ٱلصَّمَدُ
(3) लम यलिद वलम यूलदo
لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ
(4) वलम यकूल लहू कुफुवन अहदo
٣ وَلَمْ يَكُن لَّهُۥ كُفُوًا أَحَدٌۢ
11 बार ये पढ़ें
(सुभानअल्लाही वा बिहामदीही सुबहानल–ल्लाहील अलियिलअज़ीमि वाबीहमदिही अस्तगफिरुल्लाहा )
11 बार ये पढ़ें
हुज़ूर पुर्नूर सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम पर दरूद वा सलाम अर्ज करें
बिस्मिल्लाहीर रहमानिर रहीम
“अल्लाहुम्मा सल्ली अल्ला सय्यिदिना व मौलाना मुहम्मदीन मअदिनिल जूदी वल करम व आलिही वबारीक वसल्लीम”
और फ़िर 11 बार ये कहें
या रसूलल्लाह–ही या नबीय–ल्लाही अगिस्नी वमदुदनी
फि क़ज़ाई हाजती या क़ाज़ीयल–हाजाती
फिर इराक़ की तरफ 11 कदम चलें हर कदम पर ये कहें।
(या गौसा–स–सकालैनी वा या करीमा–त–ताराफैनी अगिस्नी वमदुदनी फि क़ज़ाई हाजती या क़ाज़ीयल–हाजाती )
फिर हुजूर सय्यदे आलम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम– और सैयदना गौसे से आज़म रज़ी अल्लाह तला अन्ह के वसीले से अल्लाह अज्जावाजल से दुआ करें
बंदा–ह परवरदिगारम उम्मती अहमद नबी!
दोस्त दार चार यारम ताबाअ औलादी अली
मज़हबी हनफिया–दारम मिल्लते हजरत खलील
खाक पाए गौसे आज़म जेर सायह हर वली
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