Darood Sharif In Hindi Or Darood-e Paak
Darood Sharif In Hindi Or Darood-e Paak के लिए अल्लाह तआला का इर्शाद हे की – इन्नल लाहा मलाय कतऊ युसैलुना अलन्नबी या अय्यो हल लजीना आ मनु सल्लू अलैहि व सल्लिमों तस्लीमा
तर्जुमा– बेशक अल्लाह और उसके फ़रिश्ते दुरुद भेजते है उस गैब बताने वाले [नबी] पर ! ए ईमान वालो उन पर दुरुद और खूब सलाम भेजो।
1. दुरूदे इब्राहीमी | Darood-E-Ibrahim
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिवॅं व अ़ला आलि सय्येदिना मुहम्मदिन कमा स़ल्लेता् अ़ला सय्यिदिना इब्राहिमा् व अ़ला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा् इन्नका् हमीदुम मजीद
● अल्लाहुम्मा् बारिक अ़ला सय्येदिना मुहम्मदिवॅं व अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन कमा बारक-ता् अ़ला सय्यिदिना इब्राहिमा् व अ़ला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा् इन्नका् हमीदुम मजीद
दुरूदे इब्राहीमी सभी दुरूदो से अफजल दुरुद है ! दुरूदे इब्राहीमी को नमाज़ में भी पढ़ा जाता है इसलिए ये दुरुद पाक हम सबको याद होना चाहिए !
दुरूद-ए-इब्राहिम आप इस तरह से भी पढ़ सकते हो
● अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा सललेता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद
● अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद
2. दुरूदे शफाअत । Darood-e shafa’aT
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिवॅं व् अ न ज़िल हुल मक़ अ़दल मुक़र-रबा् इन दका् यौमल क़ियामति सल्ललाहु अ़लेहि व् सल्लम
Darood-e Paak padhne ki fazilat– हजरते रुवैफ़अ़ बिन साबित अंसारी फरमाते हे ! की रसूलल्लाह सल्ललाहु अ़लैहि व् सल्लम ने इरशाद फ़रमाया ! जिस शख़्स ने ये कहा – उस के लिए मेरी शफ़ाअ़त वाजिब हो गयी !
3. दुरूदे गौसिया।। Darood-e gaushiya
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना व मौलाना मुहम्मदिम मअ्दि-निल जूदि वल क र मि व आलिही व बारिक व सल्लिम
Darood-e Paak padhne ki fazilat– हदीस शरीफ़ : हुजूर रहमते आलम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लिम फ़रमाते हैं ! क़ियामत क़े दिन मुझ से सब में ज्यादा क़रीब वाे हाेगा ! जिस ने सब से ज्यादा मुझ पर दुरूद भेजा है।
4. नाबिये करीम सल्लाहो अलैहि व सल्लम की जियारत के लिए ये दरूद शरीफ़ पढे
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला रूह़ि मुहम्मदिन फ़िल अर्वाह़ि व स़ल्लि अ़ला ज स दि मुहम्मदिन फ़िल अज सादि व स़ल्लि अ़ला क़ब्रि मुहम्मदिनफ़िल कुबूरि
Darood-E Paak padhne ki fazilat–जो शख्स ये दरूद शरीफ़ पढेगा उसको ख्वाब में हुजुरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की जियारत होगी ।
5. मुक्कमल दरूद शरीफ
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिव व अ़ला आलि मुहम्मदिन
Darood Sharif or Darood-e Paak padhne ki fazilat– हुजूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सहाबा से एक मर्तबा फ़रमाया – तुम ना-मुकम्मल दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) न पढा करो ! फिर सहाबए किराम के दर्याफ्त करने पर आप ने ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) तअलीम फ़रमाया।
6. रोज़ी में बरकत के लिए दरूद शरीफ़।
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन अ़ब्दिका व रसूलिका व स़ल्लि अ़लल मुअ्मिनीना् व मुअ्मिनाति वल मुस्लिमीना् वल मुस्लिमाति
Darood Sharif Darood-e Paak padhne ki fazilat– जिस शख्स की ये ख्वाहिश हाे कि उसका माल बढ जाए ! वो इस दुरूद शरीफ़ को पढा करें ।
7. मस्जिद में आने और जाने पर दुरूद शरीफ
● बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन
Darood-e Paak padhne ki fazilat– हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब मस्जिद यें जाते या मस्जिद से निकलते तो ये दुरूद शरीफ ( darood sharif ) पढा करते थे ।
8. दोज़ख़ से नजात के लिए दरूद शरीफ़
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि व अ़ला आलिही वसल्लिम
Darood-e Paak padhne ki fazilat– हजरत खल्लाद रहमतुल्लाह अलैह जुम्मा के दिन ये दुरूद शरीफ़ एक हजार मर्तबा पढा करते थे ! उनके इन्तिकाल के बाद उनके तकिया के नीचे से एक कागज मिला जिस पर लिखा हुआ था ! कि ये ख़ल्लाद दिन कसीर के लिए दोजख़ से आजादी का परवाना है ।
9. जन्नत में ठिकाना के लिए दरूद शरीफ़
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि अ़लैंहिस-सलामु
Darood-e Paak padhne ki fazilat– जुम्मा के दिन एक हजार मर्तबा ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढने वाले को मरने से पहले जन्नत यें उसका ठिकाना दिखा दिया जाएगा ।
10. अस्सी साल की इबादत का सवाब के लिए दरूद शरीफ़
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि व अ़ला आलिही व सल्लिम तस्लीमा
Darood-e Paak padhne ki fazilat– जुमअ के दिन जहॉ नमाजे अस्र पढी हो उसी जगह उठने से पहले अस्सी मर्तबा ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढ़ने से अस्सी साल के गुनाह मुआफ होते हैं ! और अस्सी साल की इबादत का सवाब मिलता है।
11. परेशानियां से दूर होने के लिए Darood Sharif
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि ताहिरिज़ ज़क्किय्यि सलातन तु-हल्लु बिहिल उ-क़-दु व तु-फ़वकू बि-हल कु-र-बु
Darood-e Paak padhne ki fazilat– ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) बार बार पढने से अल्लाह तआला परेशानी दूर फरमा देता है ।
12. दुरूदे इस्मे अअज़म ।। Darood-e isme aza’am
● *अल्लाहु रब्बु मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैंहि वसल्लमा * नहनु इबादु मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैहि वसल्लमा *
Darood-e Paak padhne ki fazilat–ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) कम को क्या सौ मर्तबा रोजाना अपना मअमूल बना लीजिए ! फिर इसकी बरकात देखिए कि दीन व दुनिया के हर काम मेंकामयाबी आपके क़दम चूमेगी नाकामी की बादे ख़ज़ाँ कभी दूर से भी नहीं गुज़रेगी ।
13. मगफिरत के लिए Darood Sharif
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन कुल्लमा ज़-क-ऱहुज़ ज़ाकिरूना् व कुल्लमा ग़ फला् अ़न ज़िक-रिहिल ग़ाफिलूना्
Darood-e Paak padhne ki fazilat– इमाम इस्माईल बिन मुजनी ने हजरत हमाम शाफ़ई को ख्वाब में देखा ! और पूछा अल्लाह तआल ने आपके साथ क्या मुआमला फ़रमाया ताे उन्होंने जबाब दिया ! इस दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) की बरकत से अल्लाह तआला ने मुझे बक्श दियाऔर इज्जत-ो एहतराम से जन्नत में ले जाने का हुक्म दिया ।
14. ईमान की हिफाज़त के लिए Darood Sharif
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिवें व अ़ला आलि मुहम्मदिन सलातन दा-इ-मतम बि-दवा-मिका्
Darood-e Paak padhne ki fazilat– जाे शख्स पचास मर्तबा दिन में और पचास मर्तबा रात में इस दुरूद शरीफ ( darood sharif ) काे पढेगा ! तो उसका ईमान जाने से महफूज होगा।
15. हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लिम के रोज़ए मुबारक की जियारत के लिए Darood Sharif
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन सलातन तकूनु लका् रिदन व लि-हक़्क़िही अदा-अ् न
Darood-e Paak padhne ki fazilat– जाे शख्स नमाजे फज़्र और नमाजे मग़रिब के बाद 33-33 बार ये दुरूद शरीफ़ पढेगा ! ताे उस शख्स की कब्र के और रौजए अकदस के दर्मिंयान एक खिडकी खौल दी जाएगी ! और रौजए अक़दस की जियारत उसको नसीब होगी ।
16. बेशुमार फ़ज़ाइलो बरकात के लिए दारूद शरीफ
● सल्लल्लाहु अ़लन-नबीय्यिल उम्मिय्यि व आलिही सल्लल्लाहु अ़लेहि वसल्लमा् सलातवें व सलामन अलैका् या रसूलल्लाह
Darood-e Paak padhne ki fazilat– ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) हर नमाज़ खुसूसन नमाजे जुम्मा के बाद मदीना मुनव्वरा की जानिब मुँह करके ! सौ मर्तबा पढने से बे-शुमार फ़जाएलाे बरकात हासिल होते हैं।
17. सबसे ज़्यादा सवाब के लिए दारूद शरीफ
● सल्लल्लाहु अला सय्यिदिना मुहम्मदिवें व आलिही व सल्लमा्
Darood-e Paak padhne ki fazilat– ये दुरूद शरीफ़ पढने मै छोटा और सवाब में सब से ज्यादा हैं जाे शख्स राेजाना पाँच सौ मर्तबा इसको पढे ! ताे कभी मुहताज न हो।
18. हर दर्द की दवा के लिए दारूद शरीफ
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिम बि–अ़-द-दि कुल्लि दा-इवें व दवा-इवैं व बारिक व सल्लिम
Darood-e Paak padhne ki fazilat– हर दर्द और बीमारी दूर होने के लिए अव्वल व आखिर ये दुरूद शरीफ़ पढे ! और दमिंयान में मअ बिस्मिल्लाह सूरए फातिहा पढकर दम करें ।
19. कर्ज की अदाएगी के लिए Darood Sharif
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन
Darood-e Paak padhne ki fazilat– ज़ुहर की नमाज के बाद ये दुरूद शरीफ ( darood sharif ) सौ मर्तबा पढने वाले को तीन बातें हासिल होंगी।
- कभी मक़रूज़ नहीं होगा
- अगर कर्ज़ होगा तो वह अदा हो जाएगा, ख्वाह जितना भी कर्ज़ हो
- क़ियामत के दिन उसका कोई हिसाब नहीं होगा
20. दुरूदे बाइसे जियारत ।। Darood ba’aise ziyarat।।
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन-नबीयिल उम्मिय्यि व आलिही व सल्लिम
Darood-e Paak padhne ki fazilat– जाे शख्स जुम्मा के दिन एक हजार मर्तबा ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढे ! उसको ख्वाब में रिसालत मआब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जियारत होगी ! पाँच या सात जुम्मा तक पाबन्दी से इसको पढे।
21. जन्नत के फल
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन अ़ब-दिका् अ़ला आलि मुहम्मदिवें व बारिक व सल्लिम
Darood-e Paak padhne ki fazilat–जो शख्स रोज़ाना इस दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) की पाबन्दी करे वो जन्नत के ख़ास फल और मेवे खायेगा।
22. हज़ार दिन तक का सवाब के लिए दारूद शरीफ
● सल्लल्लाहु अला मुहम्मदिवें व जज़ाहु अ़न्ना मा हुवा् अह्– लुहू
Darood-e Paak padhne ki fazilat–जो शख्स ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढ़े तो सवाब लिखने वाले सत्तर फ़रिश्ते एक हजार दिन तक इसका सवाब लिखेंगे।
23. तमाम दुरूदो के बराबर
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिम बि–अ़-द-दि कुल्लि जिक-रिही अल्फ़ा् अल्फ़ि मर-रतिन
Darood Sharif padhne ki fazilat–ये दुरूद शरीफ़ पढना हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर सारे दुरूद भेजने के बराबर है ।
24. अर्शे अज़ीम के बराबर सवाब
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिम मिल-अस-समा-वाति व मिल-अल–अर्दि़ व मिल-अल अ़र्शिल अज़ीम
Darood Sharif padhne ki fazilat– इस दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) के पढ़ने वालें को आस्मान व जर्मीन भर कर और अर्श अजीम के बराबर सवाब मिलता है ।
25.दुनिया व आख़िरत की बरकत का हुसूल
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना मुहम्मदिवें व आलिही व सहू-बिही व सल्लिम बि–अ़-द दि मा फ्री जमीइल कुरआनि हरफ़न हरफ़वें व बि–अ़-द-दि कुल्लि हरफ़िन अल्फ़न अल्फ़न
Darood Sharif padhne ki fazilat– दुनिया और आखिरत की बरकतें हासिल करने के लिए अपने वजाएफ़ व मामुलात के ख़त्म पर ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढ लिया करें ।
26. चाँद की तरह चेहरा रोशन होन
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़लन नबीय्यि मुहम्मदिन हत्ता ला यब-का मिन स़लातिका शेउँ व बारिक अ़लन नबीय्यि मुहम्मदिन हत्ता ला यब क़ा मिम बर कातिका् शेउँ वर-हमिन नबीय्या् हत्ता ला यब क़ा र्मिंर रह् –मतिका् शेउँ व सल्लिम अलन नबीयि मुहम्मदिन हत्ता ला यब क़ा मिन सलामिका शैउन
Darood Sharif padhne ki fazilat–हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इर्शाद के मुताबिक इस दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) के पढने वाले का चेहरा पुल सिरात से गुजरते वक्त चाँद से ज्यादा चमकदार होगा ।
27. कामिल दुरूद शरीफ़
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन कमा अमर-तना अन नुस़ल्लिया अ़लैहि व स़ल्लि अ़लैहि कमा यंम-बगी अय्युस़ल्ला अ़लैंहि
Darood Sharif padhne ki fazilat– हज़रते अनस्र रज़िल्लाहु ने रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहिं वसल्लम से ऐसा दुरूद शरीफ दर्याफ्त किया ! जिसको कामिल दुरूद शरीफ ( darood sharif )कहा जा सके तो आपने ये दुरूद तलकीन फरमाया ।
28. क़ुर्बे ख़ास का ज़रिया
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन – क़मा तुहिब्बु व तर्दा़ लहू
Darood Sharif padhne ki fazilat–रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहिं वसल्लम ने एक रोज़ एक शख्स को अपने और हजरत सिद्दीक अकबर रज़िल्लाहु अन्हु के दर्मियान बिठाया, सहाबा को इस पर तअज्जुब हुआ ! ताे आपने फ़रमाया ये शख्स मुझ पर ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढता है ।
29. दुआ क़ुबूलियत की दुरूद शरीफ़
● अल्लाहुम्मा् रब्बा् हाज़िहिद दअ् –वतित ताम-मति व़स्स़लातिल का-इ-मति स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिवें वर्दा् अन्हु रिद़ल ला स-ख़-ता् बअ् –दहू
Darood Sharif padhne ki fazilat–जो शख्स अजान के वक्त ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पडेगा अल्लाह तआला उसकी दुआ कबूल फ़रमाएगा ।
30. दुआ ए क़ुनूत के बाद पढ़ने वाली दुरूद शरीफ़
● व स़ल्लल्लाहु अ़लन नबीय्यि मुहम्मदिवँ व सल्लमा्
Darood Sharif padhne ki fazilat– हज़रते हसन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु दुआ ए क़ुनूत के बाद ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढा करते थे ।
31. मग़फ़िरत का जरिआ
● अल्ह़म्दु लिल्लाहि अ़ला कुल्लि हालिवें व् सल्लल्लाहु अ़ला मुहम्मदिवें व अ़ला अह्लि बैतिही
Darood Sharif padhne ki fazilat– जो शख्स छींक आने ‘पर ये दुरूद शरीफ़ पढेगा तो मिनजानिब अल्लाह एक परिन्दा पैदा होगा ! जाे अर्श के नीचे फड़ फडाएगा और अर्ज़ करेगा कि इस दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) के पढने वाले को बख्श दे ।
32. ताबिईन का दुरूद शरीफ़
● अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिवँ व अ़ला अबीना इब्राहीमा्
Darood Sharif padhne ki fazilat–हज़रते सूफ़यान बिन अय्येना ने फ़रमाया : मैंनै सत्तर साल से ज्यादा ह्रजराते ताबिईन रहमतुल्लाह काे दौराने तवाफ़ ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढते हुए सूना।