< 1 - 6 Kalma In Hindi | 6 कलमा हिंदी में
1 - 6 Kalma in Hindi Pdf | 6 कलमा हिंदी में

1 – 6 Kalma in Hindi Pdf | 6 कलमा हिंदी में

Kalma in Hindi | हिन्दी कलमा

1 – 6 Kalma in Hindi | 6 कलमा हिंदी में Aur फजाइल & तर्जमा

1. पहला कलमा तैय्यब 

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

  ” ला इलाहा इलल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि  “

तर्जमा:–अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं ( रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ) अल्लाह के बंदे और इसके रसूल हैं। 

फजाइल कलमा तैय्यब:– हजरत जाबिर रज़ी अल्लाह तला अन्ह से रिवायत है कि सरकारे दो आलम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया जो शख्स सुबह वा शाम कलमा तय्यब पढ़े तमाम फरिश्ते आसमान पर मज़ाकरात करते हैं के आखिर को अव्वल से मिला दो और जो गुनाह दरमियांन में किया है फेंक दो। ( फतूह अल वरा दो फवाइद अलकुबरा) 

2.   कलमा शादत

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अशहदु अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहू व अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहुरसूलुहु

तर्जमा:–मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माअबूद नहीं वह अकेला है इसका कोई शरीक नहीं और मैं गवाही देता हूं के बेशक मोहम्मद सल्लल्लाहु ताला अलेही वसल्लम अल्लाह के खास बंदे और इसके रसूल है 

फजाइल कलमा शादत:– हदीस शरीफ में है हुजूर पुरनूर सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया के जो शख्स बाद फरागी वजूअपनी नजर आसमान की तरफ उठा के कलमा शहादत तीन मर्तबा पढ़े इसके वास्ते बहिश्त के आठों दरवाजे खुलजाते हैं जिस दरवाजे से चाहे दाखिल हो 

3. तीसरा कलमा तमजीद 

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

सुब्हानल्लाही वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इलल्लाहु वल्लाहु अकबर वला हौल वला कुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अज़ीम 

तर्जमा:– अल्लाह पाक है और सब तारीफ अल्लाह के लिए है और अल्लाह के सिवा कोई माअबुद नहीं और अल्लाह बहुत बड़ा है गुनाहों से बचने की ताकत और नेकी करने की तौफीक नहीं मगर अल्लाह की तरफ से जो बहुत बुलंदअज़मत वाला है 

4. चौथा कलमा तौहीद

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

सुब्हानल्लाही वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इलल्लाहु वल्लाहु अकबर वला हौल वला कुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अज़ीम 

तर्जमा:–अल्लाह के सिवा कोई माअबूद नहीं वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं उसी के लिए है बादशाही और ऊसी के लिए तारीफ है वही जिंदा करता और मारता है और वह जिंदा है इसकोहर गिज कभी मौत नहीं आएगी बड़े ज़लाल और बुजुर्गी वाला है इसके हाथ में भलाई है और वह हर चीज पर क़ादिर है 

5. पांचवा कलमा इस्तिग़फ़ार

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अस्तग़फिरुल्लाहा रब्बी मिन कुल्ली ज़म्बिन अज्नब्तुहू अमदन अव खता अन सिर्रन अव अलानियतनअतूबू इलैह मिनज़ ज़म्बिल लज़ी आलमुमिनज़ ज़म्बिल लज़ी ला आलमु इन्नका अंता अल्लामुल गूयूबीसत्तारिल उयूबीगफ्फारिज़ जुनूबी वला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यिल अज़ीम 

तर्जमा:–मैं अल्लाह से माफी मांगता हूं जो मेरा परवरदिगार है हर गुनाह से जो मैंने जानबूझकर किया या भूल कर छिपकर किया या जाहिर होकरऔर मैं इसकी बारगाह में तौबा करता हूं इस गुनाह से जिस को मैं जानता हूं और इस गुनाह से भी जिसको मैं नहीं जानता (अय अल्लाह )बेशक तू ही गैबों का जानने वाला और अयबों का छिपाने वाला और गुनाहों का बख्शने वाला है और गुनाह सेबचने की ताकत और नेकी करने की कूवत नहीं मगर अल्लाहकी मदद से जो बहुत बुलंद अज़ीम अजमत वाला है 

6. छठा कलमा रद्दे कुफ्र 

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अल्लाहुम्मा इन्नी ऊजुबिका मिन अन उशरिका बिका शय अवअना आलमु बिहीअस्ताग्फिरुका लिमा ला आलमु बिही तुब्तु अन्हुतबर्रअतू मिनल कुफरी वश शिरकी वल किज्बी वल गीबती वल बिदअति वन नमीमति वल फवाहिशी वल बुहतानी वल मआसी कुल्लिहाअस्लमतुअकूलू ला इलाहा इल्ललाहू मुहम्मदुर रसूलुल लाह | 

तर्जमा:– अय अल्लाह मैं तेरी पनाह मांगता हूं इस बात से के मैं किसी शै को तेरा शरीक बनाऊं जानबूझकर और बख्शीश मांगता हूं तुझ से इसकी जिसको मैं नहीं जानता और मैं ने इस से तौबा की और मैं बेज़ार हूवा कुफ्र से और शिर्क से और झूठ से और गिबत से और गुनाह वाली बिदअत और चुगली से और बेहयाईयों से और बुहतान से और तमाम गुनाहों से और मैं इस्लाम लाया और मैं कहता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं हुजूर अकदस सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं 

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